Thursday, November 1, 2012

टन टन टन टन घंटी बोली

टन टन  टन टन घंटी बोली
हो गयी छुटी  कह कर डोली
झट कंधो पर लटके बस्ते
बच्चे  भागे  घर के रस्ते
अब घंटी मन में पछताई
नाहक अपनी गाल  बजाई
नहीं करुँगी छुट्टी कल से
देखूं बच्चे घर जायेंगे कैसे 

No comments:

Post a Comment